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-गुरु दक्षिणा-

मैं माँ हूँतेरी प्रथम गुरुमैं तुझे पढाउँगींजीवन के वो पाठजो तुझे रखेगें सजकराएगें क्षण प्रतिक्षणसत्य और असत्य की पह्चानतभी तू बनेगा अच्छा इंसानचल आज से ही करते हैंशुभारम्भ!!!!!!!देवता भी तो…

गुरू केवल ज्ञान ही नहीं देता आपकी आँखें भी खोल देता है

मैं कॉलेज के दिनों में एक बार काफी परेशान था। वजह कुछ भी रहा हो सार यही था कि कभी-कभी आपके कर्मों का प्रतिफल उस तरह नहीं मिल पाता जैसी…

” गुरु मार्गदर्शन “

गुरु अनुभूति, गुरु साध्य, गुरु से बड़ा ना कोई ज्ञानवान।सबको एक सांचे में ढाल कर नव जीवन देता। हर दुर्गुणों को परिष्कृत कर सद्बुध्दि का भंडार भर देता।गुरु ही लौकिक…

✍️शिक्षक दिवस खास✍️———————————— कोरोनाकाल में कक्षा पहली से पांचवी तक के बच्चों को शिक्षक बन शिक्षा की ज्योति से आलोकित कर रहे दिव्यांग दर्जी चमनसिंह

कोरबा /पाली:- अगर हौसला बुलंद और इच्छा शक्ति दृढ़ हो तो इंसान क्या नही कर सकता।ऐसा ही कुछ बुलंद जज्बा की बानगी पाली विकासखण्ड अंतर्गत ग्राम पंचायत बकसाही निवासी 40…

छत्तीसगढ़ की टीचर की उपलब्धि राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित

छत्तीसगढ़ की लेक्चरर सपना सोनी ने कमाल किया। वे दुर्ग जिले के जेवरा सिरसा हायर सेकेन्डरी स्कूल में टीचर हैं। उन्हें आज शिक्षक दिवस के मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द…

बिलासपुर जिले में एक दिन में 300 से ज्यादा पॉजिटिव, अधिकांश शहर के

बिलासपुर । जिले में बीते 24 घंटे के भीतर कोरोना संक्रमण मामलों ने फिर रिकॉर्ड तोड़ दिया। इस दौरान 318 नये संक्रमित पाये गये हैं और 6 लोगों की मौत…

अंतर्राष्ट्रीय गिद्ध जागरूकता दिवस पर, हर्षि ठाकुर…

– बिलासपुर से सत्यप्रकाश पांडेय गिद्ध एक ऐसा बदसूरत पक्षी है जिसकी खानपान की आदतें पारिस्थितिकी तंत्र या ईको सिस्टम के लिए ज़रूरी हैं। हालांकि इसके लिए उसे श्रेय शायद…

अंतर्राष्ट्रीय गिद्ध जागरूकता दिवस पर, हर्षि ठाकुर..

– बिलासपुर से सत्यप्रकाश पांडेय गिद्ध एक ऐसा बदसूरत पक्षी है जिसकी खानपान की आदतें पारिस्थितिकी तंत्र या ईको सिस्टम के लिए ज़रूरी हैं। हालांकि इसके लिए उसे श्रेय शायद…

अंतर्राष्ट्रीय गिद्ध जागरूकता दिवस पर, हर्षि ठाकुर..

– बिलासपुर से सत्यप्रकाश पांडेय गिद्ध एक ऐसा बदसूरत पक्षी है जिसकी खानपान की आदतें पारिस्थितिकी तंत्र या ईको सिस्टम के लिए ज़रूरी हैं। हालांकि इसके लिए उसे श्रेय शायद…

राकेश अचल देश के मूर्धन्य पत्रकार की कलम से- दुश्मन की भी न कटे नाक

आज के जमाने में नाक की सुरक्षा भी एक राष्ट्रीय चुनौती है. हमारे यहां नाक हमेशा से क्या आदिकाल से प्रतिष्ठा का प्रश्न रही है.नाक का सवाल हरदम अनसुलझा बना…