बिलासपुर/ दिव्यांग छात्रा पल्लवी की मौत से जल्दी पर्दा उठ जायेगा. पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चलेगा की यह केस आत्महत्या का है या फिर आश्रयदत्त कर्मशाला के भीतर उसके साथ अनहोनी हुई थी. दो दिनों पहले तिफरा के शासकीय आश्रय दत्त कर्मशाला की 18 वर्षीय इस छात्रा को गंभीर हालत मे सिम्स मे भर्ती कराया था जहां कुछ देर बाद ही उसकी मौत हो गईं थी. बीते गुरुवार सुबह ज़ब छात्रा को सिम्स लाया गया तब उसकी हालत बेहद नाजुक थी. प्रबंधन उसके छात्रावास की छत से नीचे कूदने की बात कह कर केयर टेकर महिला और एक अन्य छात्रा को चश्मीदीद बताया है. वहीं मूक बधिर 18 वर्षीय छात्रा की बड़ी बहन प्रिया राज का आरोप है की उसे आश्रय दत्त से अलग अलग लोगो ने फोन कर दुर्घटना की अलग अलग जानकारी दी. जबकि हॉस्पिटल पहुँचने पर पल्लवी इस दुनिया से जा चुकी थी.
अब सवाल उठता है की यह सब हड़बड़ी मे हुआ या इसके तह मे कोई दूसरा ही माजरा है. शासकीय आश्रय दत्त कर्मशाला मे मूक बधिर छात्र छात्राएं स्कील डेवलपमेंट की ट्रेनिंग लेते है. उनके लिए इससे लगा छात्रावास भी है. यहाँ 50 छात्र छात्राएँ रहते है. बार बार कहा जा रहा है दो मंजिला छात्रावास भवन से कूदने से पल्लवी की मौत हो गईं. शव का पोस्टमार्टम हो चूका है, सूत्रों की माने तो मामला उतना सपाट नही है जैसा बताया जा रहा है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट पुलिस के लिए अहम साबित होगी.पोस्टमार्टम करने वाले डाक्टर और पुलिस की ईमानदार जाँच मासूम पल्लवी के साथ न्याय करेगा.इससे कसूरवार बेनक़ाब होंगे.
मूक बधिर पल्लवी का जीवन सवारने और उसके बेहतर भविष्य के लिए बड़ी बहन प्रिया राज ने कम्प्यूटर सीखने तिफरा के आश्रय दत्त कर्मशाला मे उसका एडमिशन कराया था. चार महीनों के दौरान सभी के साथ उसका व्यवहार और पढ़ाई ठीक चल रही थी. फिर ऐसा क्या हुआ जिसने उसे आत्महत्या करने पर मजबूर किया. छात्रावास मे उसके साथ बेरहमी या जबरदस्ती की गईं. क्या इसका सबूत भी पोस्टमार्टम मे डाक्टरों को मिला है. इससे संदिग्ध मौत से न केवल पर्दा उठेगा बल्कि दिव्यांग छात्रा से संभावित दरिंदगी पर शासन प्रशासन को छात्रावासो की सुरक्षा पर नए सिरे से विचार करने मजबूर भी करेगा.
पूरे मामले मे पुलिस की बारीकी से विवेचना पल्लवी की मौत की परते खोल सकता है. इससे पुलिस डिपार्टमेंट के प्रति जनता और पीड़ित परिवार के नजरों मे विश्वास और बढ़ जायेगा.