• Mon. Dec 23rd, 2024

mediasession24.in

The Voice of People

योशिहिदे सुगा: जापान के नए प्रधानमंत्री- किसान का बेटा बनेगा प्रधानमंत्री 534 में से 377 वोट मिले

ByMedia Session

Sep 14, 2020

जापान​ ।  जापान की सत्तारूढ़ पार्टी ने शिंजो आबे के बाद योशिहिदे सुगा को अपना नया नेता चुन लिया है.

अब ये लगभग तय हो गया है कि योशिहिदे ही जापान के नए प्रधानमंत्री होंगे. पिछले महीने ही शिंजो आबे ने स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफ़ा दे दिया था.

71 साल के योशिहिदे सुगा शिंजो आबे के भी क़रीबी माने जाते हैं और ये माना जा रहा है कि वे उन्हीं की नीतियों को आगे बढ़ाएंगे.

उन्हें नेता चुने जाने के लिए अपनी पार्टी के सांसदों और क्षेत्रीय प्रतिनिधियों के 534 में से 377 वोट मिले.

अब बुधवार को संसद में वोटिंग होगी जहां पार्टी के बहुमत को देखते हुए उनका प्रधानमंत्री बनना तय है.

जापान में अगले संसदीय चुनाव सितंबर 2021 में होंगे.

कौन हैं योशिहिदे सुगा

एक स्ट्रॉबरी किसान के परिवार में पैदा हुए योशिहिदे सुगा की शीर्ष तक पहुँचने की कहानी उन्हें उस राजनीतिक अभिजात्य वर्ग से अलग करती है जिसका लंबे समय से जापान की राजनीति में दबदबा रहा है.

उनका राजनीतिक सफ़र उस समय शुरू हुआ जब उन्होंने टोक्यो के होसेई यूनिवर्सिटी से ग्रैजुएशन करने के तुरंत बाद संसदीय चुनाव अभियान के लिए काम किया.

बाद में उन्होंने लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी के एक सांसद के सेक्रेटरी के रूप में काम किया. इसके बाद उन्होंने ख़ुद के राजनीतिक सफ़र की शुरुआत की.

वर्ष 1987 में वे योकोहामा सिटी काउंसिल के लिए चुने गए और 1996 में वे पहली बार जापान की संसद के लिए चुने गए.

वर्ष 2005 में तत्कालीन प्रधानमंत्री जुनिचिरो कोइज़ुमी ने उन्हें आंतरिक मामलों और संचार विभाग का वरिष्ठ उप मंत्री बनाया.

इसके बाद पीएम पद संभालने वाले शिंजो आबे ने सुगा को तीन कैबिनेट पोस्ट देकर वरिष्ठ मंत्री का दर्जा दिया और वे 2007 तक ये ज़िम्मेदारी निभाते रहे.

प्रधानमंत्री शिंजो आबे के साथ उनके अच्छे रिश्ते बने रहे. जब 2012 में आबे फिर से पीएम बने तो उन्होंने सुगा को मुख्य कैबिनेट सेक्रेटरी का प्रभावी पद सौंपा.

पिछले आठ साल से शिंजो आबे के दाहिने हाथ माने जाने वाले सुगा सुर्ख़ियों में बने रहे. उन्हें हर दिन दो बार मीडिया ब्रीफ़िंग करनी पड़ती थी. ये भी माना जाता था कि जापान की जटिल नौकरशाही का प्रबंधन भी उनके ही ज़िम्मे था.

जापान में प्रशासन का सार्वजनिक चेहरा माने जाने वाले सुगा के सामने ये भी ज़िम्मेदारी थी कि सम्राट अकिहितो के हटने के बाद 2019 में नए शाही युग का नाम क्या हो. नए सम्राट नरुहितो के अधीन शाही युग का नाम रखा गया- रिवा, जिसका मतलब था सुंदर सदभाव.

सुगा ने इसकी घोषणा की थी और इसके कारण प्यार से उन्हें अंकल रिवा कहा जाने लगा.

जब इस साल 28 अगस्त को पीएम शिंजो आबे ने ख़राब स्वास्थ्य के कारण पद छोड़ने की घोषणा की तो उसी समय से ये माना जा रहा था कि आबे के उत्तराधिकारी सुगा ही होंगे.

दो सितंबर को सुगा ने औपचारिक रूप से अपनी उम्मीदवारी की घोषणा की थी, लेकिन उस पहले ही पार्टी के ज़्यादातर लोगों ने सुगा को अपना समर्थन देने की घोषणा कर दी थी.

इस समर्थन के कारण ही 14 सितंबर को उन्हें पार्टी का नेता चुन लिया गया. वे पहले ऐसा नेता हैं, जो किसी पार्टी के गुट से नहीं आते और न ही उन्हें राजनीति विरासत में मिली है. अब वे जापान के नए प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं.

जापान के सबसे लंबे समय तक नेता रहे शिंजो आबे के कार्यकाल के बाद योशिहिदे सुगा ही देश में निरंतरता और स्थायित्व का प्रतिनिधित्व करते नज़र आते हैं.

जब उन्होंने नेता पद के लिए अपनी उम्मीदवारी की घोषणा की थी तो कहा था कि वे शिंजो आबे की आर्थिक नीति जारी रखेंगे, जिसे आबेनॉमिक्स कहा जाता है. आबे ने ये नीति मौद्रिक रूप से सहज माहौल, राजकोषीय प्रोत्साहन और संरचनात्मक सुधारों के आधार पर बनाई थी.

सुगा का लक्ष्य जापान के युद्ध के बाद वाले शांतिवादी संविधान में संशोधन का भी है, ताकि सेल्फ़ डिफ़ेंस फ़ोर्स को वैध बनाया जा सके. ये शिंजो आबे का भी अहम एजेंडा रहा है.

लेकिन फ़िलहाल उनकी चुनौती कोरोना महामारी और इसके कारण पैदा हुए आर्थिक संकट से निपटना है.

सुगा टेस्टिंग बढ़ाना चाहते हैं और उनका लक्ष्य अगले साल के पहले छह महीनों में उपयुक्त वैक्सीन प्राप्त करना भी है.

वे न्यूनतम मज़दूरी बढ़ाकर, कृषि सुधारों को बढ़ावा देने और पर्यटन को बढ़ावा देकर क्षेत्रीय अर्थव्यवस्थाओं को पुनर्जीवित करना चाहते हैं.

विदेश नीति के मोर्चे पर वे अमरीका और जापान के लंबे समय से चल रहे गठबंधन को प्राथमिकता दे रहे हैं और वे स्वतंत्र इंडो-पैसिफ़िक भी चाहते हैं.

सुगा का लक्ष्य चीन के साथ स्थिर रिश्ता क़ायम रखना भी है.

उनका लक्ष्य 1970 और 1980 के दशक में उत्तर कोरिया द्वारा जापानी नागरिकों के अपहरण का मामला हल करने की कोशिश जारी रखना है. इनमें उत्तर कोरिया के राष्ट्रपति किम जोंग उन के साथ बिना शर्त बैठक का भी प्रस्ताव शामिल है

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *