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शिक्षक का महत्व -.डाॅ रेखा जैन

ByMedia Session

Sep 4, 2020


शिक्षक तीन अक्षरों का वह समन्वय है, जिसमें ब्रह्म, विष्णु और महेश की छवि दिखाई देती हैं ।शिक्षक में ब्रह्म सा नवीन निर्माण ,विष्णु सा उद्धार और भगवान शंकर के जैसी बुराइयों का संहार करने की शक्ति होती है। इसलिए ही पृथ्वी पर शिक्षक को ईश्वर का रूप माना जाता है ।कहा भी गया है-
गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः।
गुरुः साक्षात् परब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः।।
शिक्षक वह नहीं जो हमें सिर्फ किताबी ज्ञान देते हैं, बल्कि शिक्षक तो हमारी नब्जो में लौकिक ,व्यवहारिक, मौलिक और नैतिक ज्ञान का भी संचार करते हैं। हम सभी शिक्षकों के बहुत करीब होते हैं पर जब उनके बारे में अपने एहसास प्रकट करने का समय आता है तब शब्द साथ छोड़ देते हैं।शिक्षक वह है- ‘जो ज्ञान का संचार हमारी सांसों में करता है। ‘जो रक्त बनकर हमारी नसों में बहता है जिसके संस्कार और ज्ञान हमारी धड़कन बन जाते हैं ।जिसकी नैतिकता और सिद्धांतजीवन हमारे जीवन का आदर्श
बन जाते हैं। जीवन के गंभीर और कठिन समय में जब हमारा विश्वास डगमगाता है। तब शिक्षक की बताई बातें परछाई बनकर हमारे साथ रहती हैं और हमें साहस देती हैं। हमारे माता -पिता हमें जीवन देते हैं ,पर जीवन जीने की कला हमें शिक्षक सिखाते हैं ।यदि हमारे पास शिक्षा ना होती तो शायद हममें और जानवरों में कोई अंतर होता ही नहीं ,इसलिए कहते हैं कि शिक्षक हमें सही मायने में इंसान बनाते हैं। शिक्षक वह पारस पत्थर है जो लोहे को भी सोना बना सकता है, शिक्षक वह पुष्प है जो निर्जर वन को भी महका सकता है ,शिक्षक बंजर भूमि को भी सुरभित कर सकता है। शिक्षक साधारण लकड़ी को भी चंदन सा बहुमूल्य और सुगंधित बना सकता है।शिक्षक वह है जो अपने विचारों से समाज में परिवर्तन ला सकता है। इस दुनिया में हर चीज का वर्णन कर पाना संभव हो सकता है पर गुरु का वर्णन करना असंभव है। हमारा विषय ही ऐसा है जिसमें विचारों का सिलसिला चलता ही रहेगा इसलिए अंत में सिर्फ यही कहूंगी कि –
जो प्रेम के दीप, शांति की किरण हैं,
जो लाखों चमन के पहले चमन हैं।
जिनके सिद्धांत हैं पथप्रदर्शक हमारे,
ऐसे शिक्षक के चरणों में शत-शत नमन हैं।।
शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं
—-
डॉ रेखा जैन

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