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अंचल की सुप्रसिद्ध डॉक्टर मंजुला साहू बता रही है- मधुमेह और प्रतिरोधक क्षमता के संदर्भ में महत्वपूर्ण जानकारी

ByMedia Session

Sep 15, 2020

जिन लोगों को मधुमेह ,रक्तचाप ह्रदय रोग आदि हैं , उनको कोरोना बीमारी होने की संभावना अधिक है । साथ ही इन में कोरोना गंभीर रूप ले लेता है ।यह हम लगभग सभी समाचार पत्र में रोज पढ रहे है । मधुमेह के मरीज़ वैसे भी हर तरह की बीमारी के लिए ज़्यादा संवेदनशील होते हैं ।आइए जानते हैं कि मधुमेह में शरीर की प्रतिरोधक क्षमता क्यों कम हो जाती है और इसे बढ़ाने के क्या उपाय हैं ।
हम सब जानते हैं कि मधुमेह रोग में शरीर में इंसुलिन नामक हॉर्मोन की मात्रा कम हो जाती है ,जिसके कारण जो भी भोजन हम ग्रहण करते हैं , उसे बनने वाली शर्करा पूरी तरह न्यूट्रिलाईज नहीं हो पाती और रक्त में शर्करा की मात्रा बढ़ जाती है ।कभी कभी इंसुलिन बनाने वाली कोशिकाओं से इंसुलिन तो सही मात्रा में स्त्रवित होता है परंतु इस इंसुलिन का उपयोग कर शर्करा को कम करने वाली कोशिकाएं सही ढंग से कार्य नहीं कर पाती ।तब भी रक्त में शर्करा की मात्रा बढ़ जाती है ।इसे टाइप 2 मधुमेह कहते हैं ।

अब थोड़ी जानकारी प्रतिरोधक क्षमता के बारे में ।हमारे रक्त में 3 तरह की कणिकायें होती है ।
१-लाल रक्त कणिका
२-श्वेत रक्त कणिका
३-प्लेटलेट्स
ये श्वेत रक्त कणिकायें हमारे शरीर की सेना होती है ,जो बीमारी के कीटाणुओं से लडती है और हमें स्वस्थ रखती हैं ।ये हड्डी क़ी मज्जा में बनती हैं और थायमस नामक ग्रंथी में संख्या में वृद्धि करती है ।T सेल्स और बी सेल्स ये दो मुख्य कोशिकाएं है जो प्रतिरोधक क्षमता का संतुलन बनाए रखती है ।जब भी कोई कीटाणु ,विषाणु या कोई भी बाहरी पदार्थ हमारे शरीर में प्रवेश करता है तो दो तरह की प्रतिक्रिया होती है …
१-त्वरित प्रतिक्रिया
२-धीमी प्रतिक्रिया
त्वरित प्रतिक्रिया में Tसेल्स तुरंत ही कीटाणु कोपहचानती है और या तो स्वयं उनका भक्षण कर लेती है ( फेगोसायटोसिस )या साइटोकाईनिन का स्त्रवण बढ़ाकर उन्हें नष्ट कर देती है (एंटी माइक्रोबियल एक्टिविटी )।इसका एक उदाहरण बुख़ार का आना है ।जब अधिक ताप द्वारा कीटाणुओं को नष्ट करने की कोशिश की जाती है ।
धीमी प्रतिक्रिया में कीटाणु कोपहचान कर टी सेल्स और बी सेल्स में जीन में परिवर्तन होता है ।इससे कीटाणु तो नष्ट होते ही हैं ,साथ ही ये जीन परिवर्तन हमेशा के लिए हो जाता है ।(एंटीबॉडी का बनना )।भविष्य में इस कीटाणु के प्रवेश करते ही ये एंटीबॉडीज़ तुरंत प्रतिक्रिया देती है ।
आईये अब जानते हैं कि मधुमेह में प्रतिरोधक क्षमता कम क्यों हो जाती है ।
मधुमेह में रक्त में शर्करा की मात्रा अधिक होती है इसके कारण ….
१-रक्त में सूजन उत्पन्न करने वाले न्यूट्रोफिल्स की संख्या बढ़ जाती है ।
२-न्युट्रोफिल्स की कीटाणु का भक्षण करने और साईटोकायनिन के स्त्रवण की क्षमता कम हो जाती है ।
३-रक्त वाहिनियों के फैलने की क्षमता कम हो जाती है ।
४-कीटाणु की वृद्धि दर बढ़ जाती है ।
मुख्य संक्रमण जो मधुमेह रोगियों में अधिक होते हैं …
१-श्वसन तंत्र के संक्रमण
न्यूमोनिया
इंफ्लुएंजा
ट्युबरकुलोसिस
२-मूत्र तंत्र के संक्रमण
पेशाब में जलन
फंगल सिस्टाईटिस
पाईलोनेफ्राईटिस
पेरीन्फ्रिक फोड़े
३-पाचन तंत्र के संक्रमण
टायफायड
छाले
पीलिया
४-त्वचा के संक्रमण
पैरो की त्वचा का गलना (कैंदुआ )
गैंगरीन
५-अन्य संक्रमण
बाह्य कर्ण संक्रमण
इन्यूनोड्फिसिय्ंसी की परेशानीयॉं ।
इनमें श्वसन तंत्र संक्रमण सर्वाधिक सामान्य हैं ।कोरोना भी श्वसन तंत्र संक्रमण है ।मधुमेह के मरीज़ों में कोरोना संक्रमण से मृत्यु की दर सामान्य व्यक्ति से 7.3% ज़्यादा है ।
प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के उपाय ……
प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सर्वाधिक सहायक तत्व है
१-प्रोटीन …यह बीमारी से लड़ने वाली T सेल्स और 20 सेल्स की सक्रियता बढ़ाता हैएंटीबॉडीज़ के निर्माण को भी बढ़ाता है ।लगभग60 ग्राम प्रोटीन प्रतिदिन आवश्यक होता है ।ये हमें मिलता है सोयाबीन ,मूंगफली ,बादाम ,सभी दालें ,पनीर ,अंडा ,मीट मछली आदि ।
२-विटामिन सी …इसे एस्कॉर्बिक एसिड भी कहते हैं ।ये कोशिकाओं की बाहरी दीवार को टूटने नहीं देता जिससे कीटाणु प्रवेश नहीं कर पाते ।श्वेत रक्त पालिकाओं के निर्माण को बढ़ाता है ।लगभग 40 मिलीग्राम प्रति दिन विटामिन सी आवश्यकहै ।यह हमें सभी खट्टे फलों जैसे संतरा ,नारंगी ,नींबू ,टमाटर, करों,गोभी ,आलू ,ब्रोकली ,अनानास ,शिमला मिर्च आदि में मिलता है ।
३-विटामिन डी…इसकी कमी से एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम होता है ।जो कोविड नाइंटीन में मृत्यु का मुख्य कारण है ।विटामिन D मुख्यतः सूरज की रोशनी से मिलता है ।इसके अलावा यह फोर्टीफाइड दूध ,दही ,अंडा आदि में मिलता है ।लगभग ६००माइक्रोग्राम प्रति दिन आवश्यक होता है ।
४-विटामिन ए यह टीसेल और बी सेल केसही कार्य करने हेतु आवश्यक है ।कोशिकाओं की दीवार को टूटने से बचाता है ।एंटीबॉडीज़ के निर्माण में सहायक है । यह हमें मिलता है गाजर ,पपीता ,ब्रोकली ,शकरकंद ,ख़रबूज़अंडा ,मछली आदि ।
५-विटामिन ई ..यह ऑलिव ऑइल ,नारियल तेल ,ब्रोकली ,बादाम मूँगफली आदि में मिलता है ।
६-विटामिन B …साइटोकाईनिनके निर्माण को बढाता है ।यह आलू केला अख़रोट आदि में मिलता है ।
७-जिंक..यह सैल्युलर ग्रोथ को बढाता है ।दूध बादाम डार्क चॉकलेट काजू दही आदि में मिलता है ।
८-कॉपर…फ़्री रेडिकल्स को कम करता है । यह बींस ,सूखे मेवे ,डार्क चॉकलेट अंडा आदि में मिलता है ।
इस तरह इन चीज़ों के सेवन से प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाया जा सकता है ।इसके अलावा मधुमेह रोगियो के लिए आवश्यक है १-वज़न पर नियंत्रण रखना
२-हरी पत्तेदार सब्ज़ियों द्वारा अधिक से अधिक रेशे को खाने में शामिल करना ।
३-नियमित व्यायाम
४-मीठे पदार्थों के सेवन से परहेज़ ।

डॉक्टर मंजुला साहू
कोरबा पश्चिम ।

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