• Sun. Dec 22nd, 2024

mediasession24.in

The Voice of People

✍️✍️✍️मैं बनू नदियों सी…

ByMedia Session

Sep 8, 2020

हौसले हैं बहुं नदियों सी,
पर ये क्या मुसीबतें कमज़ोर कर देती हैं,
कभी धूप की निर्लज्जता तो कभी चट्टानों से हालात,
कभी अपशब्द खरपतवार रुपी,
कभी अभद्र मानवीय बरसात,
कैसे बहुं नदियों सी,
कैसे बनूं उस जैसी,
कहीं शांत हो जाती हूँ मैं भी इन नदियों सी,
कभी विचलित हो जाती मैं भी हूँ लहरों सी,
कुछ कह नहीं पाती है वह भी मुझ जैसी,
पर मुझे बनाना है बिल्कुल उस जैसी,
ये सही तो नही घबरा कर विचलित हो जाना,
अपनी परवाह को स्थिर कर देना,
चाहें कितनी रुकावटें आये,
चाहें जुल्म की सीमा बढ़ जाये,
सबको समेट कर बहना है,
मैं हूँ प्रबल उनसे फिर क्यों चुप रहना है,
अभी सादगी से सब टकराएंगे,
अभी अपनी बे मतलब की हिम्मत दिखाएंगे,
परास्त हो जाएंगे उस दिन जब सागर को अपने सामने पाएँगे

चंद्रप्रभा
गिरिडीह (झारखंड)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *