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अग्रलेख/ तपन मुखर्जी- खबर है!कोरोना–खतरे में रायपुर- कहर ढाता सितम्बर….!!

ByMedia Session

Sep 5, 2020

कोरोना के मामले में रायपुर पूरी तरह से खतरे में है.एक ओर जहां अगस्त में संक्रमितों की संख्या तेजी से बढी है, वहीं सितम्बर ने शुरुआती दिनों से ही कहर ढाना शुरु कर दिया है.आंकडों के “मकडजाल” से बाहर निकलें तो सीधा समझ नें आता है कि प्रदेश के एक तिहाई संक्रमित रायपुर में मिल रहे हैं और आधी मौतें भी रायपुर नें हो रही हैं.

यानि लगभग आधा संकट रायपुर में ही है और आधा शेष छत्तीसगढ नें.सरकारी और निजी अस्पताल और कोविद सेंटर पूरी तरह से भर चुके हैं और मरीजों में भटकाव शुरु हो गया है.बहुत सारे मरीज घरों में रहने को मजबूर हैं.कोरोना जांच को लिये भी पर्याप्त व्यवस्था न होने से भी संभावित मरीजों को भी वापस लौटना पड़ रहा है.कुछ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों इस बाबत हंगामा भी हुआ है.जाहिर है कि टेस्टिंग कि और अधिक मुकम्मल व्यवस्था करने कि जरुरत है.वहीं मरीजों को लिये अस्पताल और कोविद सेंटरों कि व्यवस्था नें विस्तार कि जरुरत है.मौतों कि बढती संख्या भी चिंता का विषय है.इस ओर भी पर्याप्त ध्यान दिया जाना चाहिये.निजी अस्पतालों में चिकित्सा राशि की दरों को लेकर कोई वाजिब व्यवस्था होनी चाहिये. ताकि मरीज के परिजनों को भी राहत मिल सके.साथ ही यह जानकारी भी उपलब्ध होनी चाहिये कि कहां कितने बेड उपलब्ध हैं कितने खाली हैं साथ ही चिकित्सा और अधिक सेंटर बनाने और बेड बढ़ाने कि व्यवस्था बनाई जानी चाहिए ताकि मरीजों को भटकना न पड़े.

वृद्ध जनों, जिनकी की ज्यादा मौत हो रही है की ओर विशेष ध्यान देने की जरुरत है.अस्पतालों में सीनियर सिटिजन के लिये कोई पृथक व्यवस्था हो तो यह ज्यादा उपयोगी हो सकता है……
बिहार चुनाव–बघेल के कंधों पर
यह लगभग तय माना जा रहा है कि जल्द होने जा रहे बिहार चुनाव में कांग्रेस कि ओर से छत्तीसगढ के मुख्यमन्त्री भूपेश बघेल की महत्वपूर्ण भूमिका होगी तथा चुनावी भार उन्हीं के कंधों पर होगा.वजह साफ हैं छत्तीसगढ नें हासिल की शानदार जीत नें उनका कुशल नेतृत्व और मुख्यमंत्री को रुप नें उनका बेहतर कार्य.साथ ही किसी तरह के विवाद और टकराव का नहीं होना.निश्चित रुप से एक स्थिर सरकार चलाने में उनकी सफलता ने केंद्र में उनका कद काफी बढा दिया है.उनकी दिल्ली यात्रा नें सोनिया गांधी और अहमद पटेल से उनकी इसी सिलसिले नें हुई विस्तृत चर्चा से इस अटकल को और अधिक बल मिला है कि बिहार चुनाव नें उनके चुनावी अनुभवों कि लाभ लिया जायेगा. अहमद पटेल ने उन्हें बिहार में उनकी भूमिका के संबंध में बताया भी है.बिहार कि राजनीति नें जातिगत दांव पेंच ज्यादा चलते हैं ऐसे में बघेल का पिछड़ा वर्ग से होना भी चुनावी लाभ पहुंचा सकता है.स्टार प्रचारक ये रुप में उनकी भागीदारी लाभप्रद होगी.

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