बालकोनगर । भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) ने साढ़े पांच दशकों में विश्वस्तरीय धातु उत्पादन, उत्पादकता, गुणवत्ता और उत्कृष्ट प्रबंधन के क्षेत्र में मिसाल बनाई है। इसके साथ ही सामुदायिक विकास कार्यों के जरिए बालको ने अपने प्रचालन क्षेत्रों के नागरिकों के जीवन को सकारात्मक रूप से बदलने में सफलता पाई है। सामुदायिक विकास परियोजना के जरिए किसानों को आधुनिक खेती के अनेक आयामों से परिचित कराने के लिए बालको ने कोरबा जिले के ग्राम बेला में नाबार्ड के सहयोग से वेदांता एग्रीकल्चर रिसोर्स सेंटर का संचालन किया है। सेंटर से आज लगभग 1000 किसानों को लाभ मिल रहा है। विभिन्न किस्मों की सब्जियों और फसलों के माध्यम से किसानों की आय में बढ़ोत्तरी हुई है।
वेदांता एग्रीकल्चर रिसोर्स सेंटर के संचालन के लिए बालको-नाबार्ड ने ‘कोरबा कृषक उन्नयन प्रोड्यूसर्स कंपनी लिमिटेड’ नामक किसानों का संगठन तैयार किया है। स्वयं सेवी संगठन ‘एफप्रो’ के सहयोग से संचालित संगठन का उद्देश्य किसानों को खेती की आधुनिक तकनीकों से जोड़ना, शासकीय योजनाओं की जानकारी देना तथा उसका लाभ लेने में मदद करना और कृषक संघ द्वारा उत्पादित फसलों को बाजार तक पहुंचाकर उन्हें उचित मूल्य दिलाने में मदद करना है। परियोजना से ऐसे किसानों को प्राथमिकता के आधार पर जोड़ा गया है जिनके पास न्यूनतम एक एकड़ कृषि भूमि है। के.के.यू.पी.सी.एल. से जुड़े सभी किसानों को कंपनी की अंशधारिता प्रदान की गई है। वेदांता एग्रीकल्चर रिसोर्स सेंटर लगभग 4.5 एकड़ भूमि पर स्थित है। यहां 35 प्रकार की सब्जियां और अन्य फसलें उगाई जाती हैं।
किसानों को खेती की आधुनिक तकनीकों से परिचित कराने के लिए सेंटर में कृषि विशेषज्ञ मौजूद हैं। यहां ग्रीन हाउस की सुविधा से मिर्च की अनेक किस्में, ब्रोकली, जेरबेरा, आदि अनेक सब्जियों का उत्पादन किया जा रहा है। मृदा परीक्षण की सुविधाएं हैं जहां नियमित तौर पर पी.एच. स्तर और सूक्ष्म पोषक तत्वों की जांच की जाती है। इसके साथ ही किसानों के लिए फसल सूची तैयार कर खेती संबंधी जरूरी सावधानियों का उल्लेख कर उन्हें उपलब्ध कराई जाती है। इसके माध्यम से किसान मृदा में पोषक तत्वों के सही स्तर का होना सुनिश्चित करते हैं ताकि कम लागत में अधिक उत्पादन किया जा सके। सेंटर में एक जैविक खाद उत्पादन इकाई स्थापित है। इसके माध्यम से अनेक जैविक कवकनाशक, डीकंपोजर एवं कंपोस्ट किसानों को उपलब्ध कराए जाते हैं।
बालको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक श्री अभिजीत पति ने किसानांे की बढ़ रही आमदनी पर प्रसन्नता जताई है। उन्होंने कहा कि बालको अपने सामुदायिक विकास कार्यक्रम के जरिए जरूरतमंद महिलाओं, पुरुषों और बच्चों के लिए ऐसे वातावरण के निर्माण का पक्षधर है जिससे उन्हें सतत प्रगति में मदद मिले। किसान और इससे जुड़ी श्रमशक्ति देश की अर्थव्यवस्था के महत्वपूर्ण अंग हैं। उनकी मजबूती से ही आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को साकार किया जा सकता है। बालको ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती की दिशा में कृषि प्रोत्साहन, महिला स्व सहायता समूहों के गठन, आधारभूत संरचना के विकास और कौशल उन्नयन की दिशा में उत्कृष्ट योगदान दिया है। श्री पति ने आह्वान किया है कि अधिक से अधिक जरूरतमंद बालको की सामुदायिक परियोजनाओं का लाभ उठाएं।
ग्राम बेला की सरपंच श्रीमती जया राठिया बताती हैं कि बालको ने अपनी स्थापना के समय से ही क्षेत्र में विकास के अनेक कार्य किए हैं। महिलाओं को कुक्कुट पालन, मशरूम उत्पादन जैसी आजीविका गतिविधियों से जोड़ा गया है वहीं किसानों के लिए चेक डेम और कुओं के निर्माण में मदद दी गई है। किसानों को अब वेदांता एग्रीकल्चर रिसोर्स सेंटर के जरिए खेती के विविध आधुनिक आयामों से परिचित होने का अवसर मिल रहा है। विकास के अनेक कार्यों के संचालन के लिए वे बालको के प्रति आभार जताते हैं।
नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक श्री संजीव प्रधान बताते हैं कि बालको और नाबार्ड की पहल से बड़ी संख्या में किसान समृद्ध हो रहे हैं। गांव में ही आजीविका के अवसर होने से क्षेत्र में पलायन के दर में कमी आई है। किसानों को विभिन्न शासकीय योजनाओं की जानकारी देकर उन्हें मजबूत बनने के हरसंभव अवसर मुहैया कराए जा रहे हैं। बालको की कृषि प्रोत्साहन योजनाओं से लाभ ले रहे किसान संतोष राठिया बताते हैं कि बालको ने उन्हें ड्रिप प्रणाली की स्थापना, खेत की बाड़बंदी में मदद के साथ ही अनेक नए उपकरणों के माध्यम से खेती का प्रशिक्षण दिया। अब वे अपने खेत में आधुनिक तरीके से उन्नत खेती कर रहे हैं।
BALCO’s Vedanta Agriculture Resource center benefits over a 1000 farmers
Korba । Bharat Aluminium Company (BALCO) operated Vedanta Agriculture Resource Center (ARC) is benefitting over a thousand farmers with access to modern farming methods, better technologies and quality resources. Run in collaboration with NABARD at Bela village in Korba, the center aims to make farming more remunerative through increased production and productivity. In the current scenario where agriculture, the backbone of India’s economy is in a state of distress due to the pandemic, BALCO is helping farmers in the region sustain their livelihood, train in modern farming methods, get raw material support and market linkage and leverage government schemes for better returns through ARC.
BALCO and NABARD have formed a farmers’ organization – Korba Farmer Upgradation Producers Company Limited – to run the Vedanta Agriculture Resource Center in collaboration with AFPRO, one of the leading NGOs in the country fostering sustainable livelihoods. On pilot basis, farmers who have a minimum of one acre of agricultural land have been linked to the project. Agriculture experts present at the center handhold farmers as they learn and hone their skills. Currently, the Vedanta Agriculture Resource Center is situated on ~4.5 acres of land, growing more than 30 types of crops, including grains, vegetables and flowers. With associated greenhouses, manure production unit, and soil testing facilities to check PH and micronutrient levels, ARC is helping farmers boost productivity with existing landholdings and at a lower cost. For every crop, technical knowhow and procedures are also made available for farmers’ benefit.
Mr. Abhijit Pati, CEO & Director, BALCO, expressed happiness over the growing income of farmers and said: “BALCO, through its community development programs, advocates for creating a supportive and encouraging environment for underprivileged women, men and children, and enabling them to strive for sustainable growth. The farming ecosystem is a crucial pillar of India’s economy and the vision of self-sufficient India can only be realized if this ecosystem is enabled and promoted. At BALCO, we are proud to be partners in progress of our communities. Our endeavors in agricultural promotion, formation of women self-help groups, infrastructure development and skill development have helped strengthen the rural economy.”
Expressing gratitude to BALCO for empowering and enabling communities, the sarpanch of village Bela, Mrs. Jaya Rathia, said: “BALCO has undertaken many developmental works in the area since its inception. The company has created opportunities for women to be associated with livelihood activities like poultry farming and mushroom production, and farmers have been immensely benefited through creation of check dams and wells to boost irrigation. Farmers are now getting an opportunity to get acquainted with various modern dimensions of farming through Vedanta Agriculture Resource Center and upgrade their skills.”
District Development Manager of NABARD, Mr. Sanjeev Pradhan expressed that the partnership of BALCO and NABARD is helping many farmers in the region. Due to better livelihood opportunities in the village itself, the region’s migration rate has come down. By also giving farmers information about various government schemes that can benefit them further, BALCO is pursuing every opportunity to strengthen the region’s farming fraternity. Santosh Rathia, a farmer from the community, who has been benefitted from BALCO’s agricultural incentive schemes expressed his gratitude towards the company for getting him trained on setting up of drip irrigation system, helping in fencing as well as giving new tools and equipment for farming.