बिलासपुर/ स्वास्तिक हॉस्पिटल तोरवा में लावारिश मरीज़ जो घंटों सड़क पर पड़ा रहा जिसे कुछ बुद्धिजीवी राहगीरो ने तत्काल मानव मूल्यों का परिचय देते हुवे स्वास्तिक हॉस्पिटल में भर्ती कराकर मरीज को नया जीवन दिया इस मानवीय पहल को देखते हुए स्वास्तिक हॉस्पिटल के प्रबंधक डॉक्टर अभिषेक मिश्रा ने उन राहगीरों का धन्यवाद देते हुए कहा कि समय रहते यदि किसी घायल मरीज को तत्काल चिकित्सा दी जाए तो उसे नया जीवन दिया जा सकता है।
इस कड़ी में आपको बता दे कि एक अज्ञात मरीज का एक्सीडेंट हो गया था लाल खदान के आगे वह लावारिस हालत में गंभीर स्थिति में रोड पर कई घंटों तक पड़ा रहा,तब किसी चलते हुए राहगीर ने उस मरीज को स्वास्तिक हॉस्पिटल में लाकर छोड़ दिया चूंकि मरीज के परिजन तत्काल उपलब्ध नहीं थे इस कारण मरीज का एक्सीडेंट कब हुआ, कहा हुआ इसकी जानकारी नहीं मिल पाई। मरीज की हालत अत्यंत गंभीर थी आखिरी सांसे गिन रहा था।
ऑक्सीजन लेवल जीरो प्रतिशत था।दिल की धड़कन 30 दिख रही थी, कंधे की हड्डी फ्रैक्चर हो गया था ।सिर पर चोट का गहरा निशान था चेहरा भी फ्रैक्चर हो गया दिख रहा था।मरीज की सांस की नली में गुटका और खून भर गया था जिससे उसका ऑक्सीजन लेवल शून्य हो गया था। स्वास्तिक हॉस्पिटल की टीम द्वारा तत्काल इलाज शुरू किया गया,मरीज को वेंटीलेटर पर डाला गया सी पी आर देकर,मरीज की दिल की धड़कन को वापस लाया गया चूंकि मरीज की स्थिति खराब थी जीवन रक्षक दवाईयां देकर जान बचाया गया।मरीज के जेब से बंद मोबाइल मिला उसे चालू किया गया और उसके परिजनों को अवगत कराया गया और हॉस्पिटल बुलाया गया, मरीज़ के परिजन अत्यंत गरीब थे इसलिए अस्पताल प्रबंधन ने अपने खर्च पर मरीज का इलाज किया।
स्वास्तिक हॉस्पिटल की टीम द्वारा तत्काल इलाज किए जाने के कारण मरीज की जान बच गई। स्वास्तिक हॉस्पिटल की टीम द्वारा समाज के लोगों से अपील है कि इस तरह एक्सीडेंट हुए मरीज को लावारिस सड़क पर न छोड़े उसे नजदीकी सासकीय या प्राइवेट हॉस्पिटल में ले जाकर छोड़े ताकि मरीज के बहुमूल्य जीवन को बचाया जा सके।मरीज का नाम पता करने पर गुलबदन नायक था। तथा पता:खपरी अकलतरा जांजगीर चांपा है।