धमतरी/ कलेक्ट्रेट दर पर मजदूरी और साप्ताहिक अवकाश पाना इस देश के मजदूरों का अधिकार है और कोई भी सरकार और उसका प्रशासन मजदूरों को इस अधिकार से वंचित नहीं कर सकता। ऐसा करना इस देश के संविधान और कानूनों का उल्लंघन करना है।
उक्त बातें मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिवमंडल सदस्य संजय पराते ने धमतरी नगर निगम से जुड़े सफाईकर्मियों की हड़ताल को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने निगम प्रशासन द्वारा इन मजदूरों को काम से निकालने और मजदूरी काटने की धमकी देने की भी तीखी निंदा की और कहा कि मजदूर एकता के बल पर निगम के इस मजदूर विरोधी रवैए का मुकाबला किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि धमतरी नगर निगम से जुड़े सैकड़ों कर्मचारी उक्त दो मांगों को लेकर पिछले चार दिनों से हड़ताल पर है और इससे नगर की सफाई व्यवस्था ध्वस्त हो गई है। 10 घंटों के काम के बदले बिना अवकाश उन्हें केवल 200 रुपए मजदूरी दी जाती है। हड़ताली सफाईकर्मियों की जायज मांग मानने के बजाय निगम प्रशासन उनकी नौकरी छीनने की धमकी दे रहा है।
माकपा नेता ने अपने संबोधन में कहा कि जो मजदूर शहर को साफ रखने का सबसे पवित्र कार्य करते हैं, प्रशासन उनके साथ ही सबसे निकृष्ट व्यवहार कर रहा है और उन्हें वैधानिक अधिकारों और बुनियादी मानवाधिकारों से वंचित कर रहा है। शहर की सफाई कार्य में हमारे समाज का सबसे कमजोर, शोषित और उत्पीड़ित तबका लगा है और उनके साथ गुलामों जैसा व्यवहार करना निगम प्रशासन के मनुवादी रवैए को ही बताता है। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के कई निर्णयों का उल्लेख करते हुए उन्होंने निगम प्रशासन के रवैए को न्यायालय की अवमानना बताया।
माकपा नेता पराते ने आरोप लगाया कि केंद्र की भाजपा सरकार और राज्य की कांग्रेस सरकार बुनियादी नागरिक सुविधाओं के निजीकरण की नीति लागू कर रही है, जिसके कारण नागरिकों को हर सुविधा पर अधिकतम भुगतान करना पड़ रहा है, लेकिन मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी से भी वंचित किया जा रहा है। इन मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ पूरे देश में संघर्ष चल रहा है। जिस तरह देशव्यापी किसान आंदोलन ने इस सरकार को किसान विरोधी कानूनों को वापस लेने के लिए मजबूर किया है, उसी तरह मजदूर विरोधी नीतियों पर भी रोक लगाने के लिए इन सरकारों को मजबूर किया जाएगा।
सफाई मजदूरों के इस आंदोलन को माकपा और सीटू के जिला सचिव समीर कुरैशी ने भी अपना समर्थन दिया तथा उनसे अपनी यूनियन और एकता को और मजबूत करने का आह्वान किया। अपने संबोधन में उन्होंने सफाई मजदूरों के लिए एक राष्ट्रीय नीति बनाने की मांग सरकार से की। उन्होंने कहा कि सफाई मजदूरों के आंदोलन का पूरे राज्य में विस्तार किया जाएगा।