• Sat. Apr 5th, 2025 2:32:02 PM

mediasession24.in

The Voice of People

अर्हम्- माँ

ByMedia Session

Aug 29, 2020


माँ तुम अब भी बहुत याद आती हो।
सपनों में आकर फिर खो जाती हो।।
पता नहीं तुम कहाँ चली जाती हो?
स्व की छायां को क्यों भूल जाती हो?
तेरी फटकार और तेरा दुलार।
अब तक छाया है माँ बनके खुमार।।
भुजाओं में भर छाती से लगाना।
याद आता है तेरा गले से लगाना।
तेरी बाहें थी या जन्नत कोई।
तेरी यादों में रहती हूं खोई।।
क्यों तुम मुझसे भुलाई नहीं जाती।
तेरी यादें हर पल मुझे रुलाती ।।
गले से लगा लो एक बार आकर ।
चली जाना फिर सब शिकवे मिटाकर।।

हर्षलता दुधोड़िया
हैदराबाद

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *