एक डाली के दो फूल हैं हम
संगीत के राग और आलाप हैं
काव्य के गीत और गज़ल हैं
नृत्य के ताल और थिरक हैं
भाषा के स्वर और व्यंजन हैं
प्यार के उच्छ्वास और निश्वास हैं।
जीवन में राग और रंग भरते हैं हम
समता और ममता से आलिंगनबद्ध हैं हम।।
डा.सुमन लता रुद्रावझला ,
हैदराबाद
