• Thu. Nov 21st, 2024

mediasession24.in

The Voice of People

महिला आयोग की जनसुनवाई में केएन कॉलेज प्रबंधन द्वारा रखा गया गलत तथ्य

ByMedia Session

Jun 18, 2022

कोरबा / जिला पंचायत कोरबा के सभागार में गुरुवार को आयोग की अध्यक्ष डॉ किरणमयी नायक की उपस्थिति में जनसुनवाई कार्यक्रम आयोजित किया गया था जिसमें 35 लंबित प्रकरणों में से 33 का निपटान किया गया । कमला नेहरू महाविद्यालय में पदस्थ सहायक प्राध्यापिका निधि सिंह ने मीडिया को बताया कि इस जनसुनवाई में उनकी शिकायत को लेकर महाविद्यालय प्रबंधन द्वारा गलत तथ्य प्रस्तुत किया गया। इसके चलते आयोग की अध्यक्ष डॉ नायक ने मामले की सुनवाई के लिए महाविद्यालय में आंतरिक परिवाद समिति का गठन करने का निर्देश दिया है। यहां खास बात ये भी है कि प्रकरण की सुनवाई के दौरान मुख्य अनावेदक प्रभारी प्राचार्य डॉ प्रशांत बोपापुरकर आयोग के समक्ष उपस्थित नहीं हुए बल्कि उन्होंने अपना प्रतिनिधि मंडल भेज दिया ।

इस मामले में आवेदिका ने कहा कि यूजीसी एवं NCTE के नियमानुसार कमला नेहरू महाविद्यालय संचालित है जहां विश्वविद्यालय द्वारा परिनियम 28 के तहत 22/9/ 2014 से नियमित रूप से कार्यरत है जिसका उल्लेख उनकी सेवा पुस्तिका में भी है जबकि महाविद्यालय प्रबंधन ने महिला आयोग के समक्ष इसे तदर्थ यानी संविदा नियुक्ति बता दिया।

उन्होंने कहा कि महाविद्यालय में विभिन्न प्रकार की नियुक्ति एवं वेतन संबंधी अनियमितताएं व्याप्त है जिसकी शिकायत महाविद्यालय प्रशासन समिति एवं विश्वविद्यालय कार्यपरिषद के समक्ष प्रस्तुत की जा चुकी है। इस संबंध में विश्वविद्यालय द्वारा जांच समिति बनाई गई थी एवं उसका निर्णय आना शेष है।

उन्होंने महिला आयोग के समक्ष शिकायत दर्ज कराई थी कि अनावेदकगणों द्वारा उसकी वरिष्ठता को नजरअंदाज करते हुए उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया और साल 2017 में ज्वाइन करने वाली अनावेदिका को जंतु विज्ञान विभाग का विभागध्यक्ष बना दिया गया। यहां यह बताना लाजिमी है कि अनावेदिका ने स्वयं महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ किरणमयी नायक के समक्ष यह स्वीकारोक्ति की है कि उनकी नियुक्ति महाविद्यालय में 2007 में हुई थी एवं 2007 से 10 वर्ष की अवधि तक वह लगातार अवैतनिक अवकाश पर थी। इसके बाद महाविद्यालय प्रबंधन ने स्वयं उन्हें बुलाकर साल 2017 में उसी पद पर उन्हें पुनः नियुक्त कर दिया जोकि पूरी तरह अवैधानिक है।

यहां सवाल उठता है कि यूजीसी एवं छत्तीसगढ़ राज्य सेवा संहिता के किस नियमानुसार उन्हें नियुक्ति पश्चात 10 वर्षों के अवैतनिक अवकाश के बाद पुनः नियुक्ति दी गई ।साथ ही अनावेदिका द्वारा सन 2013-14 में महाविद्यालय द्वारा परिनियम 28 हेतु आवेदन आमंत्रित किये जाने पर उस पद के विरुद्ध अनावेदिका द्वारा 2013 में आवेदन किया गया था एवं वह साक्षात्कार समिति के समक्ष अनुपस्थित रही । यहां यह उल्लेखनीय है कि उसी पद पर होते हुए भी उन्होंने पुनः आवेदन किया जिसका अर्थ यह है कि अनावेदिका अवकाश पर नहीं थी।

महाविद्यालय में व्याप्त अनियमितताओं के संबंध में आवेदिका का कहना है कि परिनियम 28 के तहत दिसंबर 2021 में प्राध्यापकों की नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी किया गया था जिसकी नियुक्ति प्रक्रिया अब तक पूर्ण नहीं हुई है। आवेदिका एवं अन्य सहायक प्राध्यापकों द्वारा अटल बिहारी बाजपेयी विश्वविद्यालय में 31/12/2021 को एवं कमला नेहरू महाविद्यालय में 6/5/ 2022 को महाविद्यालय में व्याप्त अनियमितताओं के संबंध में शिकायत पत्र दिया जा चुका है लेकिन इस मामले में महाविद्यालय प्रशासन द्वारा अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *