1 मई 1886 से, अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस मनाने की, पहल हुई, जो, उस घटना पर, आधारित है, जिसमें, अमेरिका के, श्रमिक संगठनों ने, श्रमिकों के, कार्य अवधि को, आठ घंटे, करने, की, दिशा में, सामूहिक रूप से, आवाज उठाई, जहां पहले, श्रमिकों से, दिन में, पन्द्रह घन्टे कार्य लिया जाता था, श्रमिक संगठनों के सदस्य विरोध में,अमेरिका के, सड़कों पर उतर आये, जहां, शिकागो के हेमाकेन्ट में, एक बम, धमाका हुआ, जिसके, निष्कर्ष में, पुलिस द्वारा, गोलियां चलाई गई, जिसमें, सात श्रमिक स्वर्गलोक गमन कर गये, 100 से अधिक लोग घायल हो गये, सूत्र बतलाते हैं कि, इसके बाद, श्रमिकों के काम का, समय, आठ घंटे, निर्धारित किया गया, जो, आज तक, अनवरत जारी है, इसी घटना की याद में, प्रति वर्ष 1 मई को, अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस के रूप में, मनाया जाता है। भारत वर्ष में, 1 मई 1923 से अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस मनाया जाता है।