रायपुर/ मसन्द सेवाश्रम के तत्वावधान में स्थानीय सिंधु पैलेस में अहमदाबाद की निज बैकुंठ धाम दरबार के गद्दी नशीन साईं संजय देव मसन्द साहिब व उनकी धर्मपत्नी विख्यात प्रवचन कार माता अनुपमा देवी मसन्द जी के सम्मान में एक भव्य समारोह का आयोजन किया गया। सेवाश्रम द्वारा इस अवसर पर पूज्य छत्तीसगढ़ सिंधी पंचायत के नवनिर्वाचित अध्यक्ष महेश दरयाणी एवं महासचिव बलराम पी. आहूजा का भी अभिनन्दन किया गया। पूज्य शदाणी दरबार के संत साईं उदयलाल, पूज्य गोधरी धाम की महंत माता मीरा देवी कार्यक्रम के विशेष अतिथि रहे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता मसन्द सेवाश्रम के पीठाधीश साईं जलकुमार मसन्द साहिब ने की। मंच पर उनके साथ कार्यक्रम के स्वागताध्यक्ष पूर्व विधायक श्रीचंद सुंदराणी व संयोजक भारतीय सिंधु सभा की युवा शाखा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चेतन तारवाणी भी उपस्थित रहे। इस अवसर पर बड़ी संख्या में रायपुर की पूज्य सिंधी पंचायतों, पुरुष व महिला समाजसेवी संगठनों के पदाधिकारियों ने मंचस्थ संतों का आशीर्वाद प्राप्त किया, सभा को अपनी संस्थाओं द्वारा किये जाने वाले सेवा कार्यों से अवगत कराया तथा मंचस्थ अतिथियों के साथ ग्रूप फोटो खिंचवाए।
मुख्य अतिथि साईं संजयदेव मसन्द साहिब ने इस अवसर पर सभा को अपने परिवार द्वारा गुरु दर की सेवा के 400 साल के इतिहास के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि उनके पूर्वज गुरु नानक देव साहेब जी की सेवा से लेकर गुरु गोबिंद सिंह जी की सेवा में समर्पित रहें। उन्होंने बताया कि सन् 1702 में गुरु गोबिंद सिंह जी के आशीर्वाद से मसन्द कुलगुरु गादी की शुरुआत हुई । बटवारे से पहले सिंध में गुरुबानी की सीख को जन-जन तक पहुँचाने का दायित्व इसी मसन्द कुलगुरु परिवार पर था। गुरु गोबिंद सिंह जी द्वारा दी हुईं अनमोल बख्शीशें आज भी इस परिवार के पास मौजूद हैं।
माता अनुपमा देवी जी ने अपने आशीर्वचन में धार्मिक ज्ञान के साथ-साथ सामाजिक दायित्वों पर विशेष ज़ोर दिया। उन्होंने कहा कि समाज में रहने वाला हर व्यक्ति सामाजिक और राजनैतिक ताने बाने का हिस्सा होता है, अतः धार्मिक कल्याण के साथ साथ समाज कल्याण व राष्ट्र कल्याण के लिए भी सबको योगदान देना होगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान में देश में चुनाव का समय है। सब लोग अपना राष्ट्र धर्म ज़रूर निभाये और मतदान में हिस्सा ज़रूर लें। उन्होंने इस अवसर पर कार्यक्रम में शामिल संस्थाओं के सेवा कार्यों की सराहना करते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।