बिलासपुर/ जी हां,कहते है की लोकतंत्र में विरोध करना आईना दिखाने जैसा है। जो सरकार और प्रशासन की कमियों को सुधारने का मौका देता है। लेकिन आज राज्य में ऐसा करना उस व्यक्ति के लिए भारी पड़ रहा है, जो महात्मा गांधी की वेशभूषा बनाकर के पैदल-पैदल बिलासपुर से रायपुर जाता है और मुख्यमंत्री से मिलना चाहता है राहुल गांधी से मुलाकात कर शराब बंदी की मांग करने वाला था। उसने 3 फरवरी को किया जब कांग्रेस आलाकमान राहुल गांधी का रायपुर प्रवास था तो रायपुर पहुंच गया।
हमारे बिलासपुर संवाददाता रोहित मिश्रा की रिपोर्ट के अनुसार स्थानीय तरुण कॉलोनी बिलासपुर के रहने वाले संजय आयल सिंघानी द्वारा गांधी वेशभूषा में रायपुर में सरकार को उसके शराब बंदी की याद दिलाने हेतु विरोध की मंशा रख कर रायपुर के लिए जा रहे थे जहां उनका मकसद कांग्रेस के बड़े नेता राहुल गांधी के समाने अपनी बात रखने की इच्छा थी।
पर ये क्या, राज्य के प्रशासनिक अधिकारियों को इसकी भनक जैसे ही लगी उन्होने उन्हे बंजारी मन्दिर के समाने ही रोक लिया। और वापस कई चरणों से गुजरते हुए बिलासपुर वापस भेज दिया गया। हमारे विशेष संवाददाता के अनुसार फिलहाल पुलिस ऐसी किसी भी कार्रवाई करने की बात को स्वीकार नही कर रही हैं।
अब सवाल ये उठता हैं की क्या विरोध करना अपराध करने जैसा हैं जो किसी भी विरोध करने वाले व्यक्ति को प्रशासनिक अधिकारियों की यातना को सहना पड़ता हैं।