राजनांदगांव । जिले में कोरोना के तेजी से पैर पसारने के बीच मौत और संक्रमण के बढ़ते मामलों से निपटने के लिए शुक्रवार से प्रशासन ने सप्ताहभर के लिए दोबारा लॉकडाउन करने का ऐलान कर दिया है।
संक्रमण दर में हो रहे इजाफा की वजह से इस बार प्रशासन तक लोगों ने लॉकडाउन लागू करने के लिए स्वमेव पहल की है। प्रशासन ने भी लोगों की मांग को फौरन सुनते हुए 4 से 12 सितंबर सुबह 7 बजे तक सख्ती के साथ लॉकडाउन लागू करने निर्देश जारी कर दिया है। कलेक्टर टीके वर्मा ने लॉकडाउन के दौरान सभी व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को बंद रखने का आदेश दिया है। यह दुकानें 4 सितंबर की शाम से 12 सितंबर की सुबह तक बंद रहेंगी।
राजनांदगांव नगर निगम सीमा की सभी दुकानें एक तरह से सील रहेंगी। कोविड-19 वायरस के कारण लोगों की जान जा रही है। यह वायरस व्यापक रूप से लोगों की जान के साथ खिलवाड़ कर रहा है। लिहाजा अब प्रशासन भी नए सिरे से लॉकडाउन लागू करने पर सहमत हो गया है।
बताया जा रहा है कि चेम्बर ऑफ कामर्स की ओर से प्रशासन से लॉकडाउन करने की गुजारिश की गई थी। पिछले कुछ दिनों से व्यापारिक क्षेत्रों में कोरोना ने कई लोगों को अपने जद में लिया है। राजनांदगांव शहर का हर हिस्सा कोरोना से अछूता नहीं रहा है। यही कारण है कि जिले में रोजाना मिल रहे मरीजों में सर्वाधिक राजनांदगांव शहर के हैं।
लॉकडाउन के दौरान अस्पताल, मेडिकल शॉप, शासकीय व अद्र्धशासकीय कार्यालय, बैंक, मीडिया (न्यूज पेपर वितरण), पेट्रोल पंप एवं गैस एजेंसियों को मुक्त रखा गया है। वहीं दूध डेयरी सुबह 6 से 10 बजे तक खुले रहेंगे, किन्तु डेयरी में दूध के अलावा अन्य सामग्री विक्रय करने की अनुमति नहीं होगी। इसके साथ ही शाम 5 से रात्रि 8 बजे तक केवल होम डिलिवरी की अनुमति होगी।
खाद्य प्रसंस्करण से संबंधित उद्योग जैसे राईस मिल, दाल मिल, पोहा मिल इत्यादि यथावत् संचालित रहेंगे। इधर नागरिकों को अपने घर में ही रहने कहा गया है। बुनियादी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए घर से बाहर जाने पर सामाजिक दूरी के दिशा-निर्देशों का अनुपालन करना होगा। साथ ही घर से बाहर जाने की स्थिति में प्रत्येक व्यक्ति को अनिवार्यत: अपना वैध पहचान पत्र साथ में रखना होगा।
निगम क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले फैक्ट्री, निर्माण एवं श्रम कार्य संचालित करने वाली इकाईयां को आवश्यक शर्तों के साथ छूट दी गई है। जिसके अंतर्गत श्रमिकों के रहने की व्यवस्था फैक्ट्री या इकाईयों के अंदर करनी होगी। आवश्यकता पडऩे पर कर्मचारियों के परिवहन की व्यवस्था फैक्ट्री या ईकाईयों को स्वयं करनी होगी। संक्रमण विस्तार को दृष्टिगत रखते भारत सरकार, राज्य शासन तथा समय-समय पर अन्य संस्थानों द्वारा महामारी से सुरक्षा के लिए जारी सभी निर्देशों का अक्षरश: पालन सुनिश्चित करना होगा। ईकाईयों में धनात्मक मरीजों की पहचान होने पर ईलाज पर होने वाले समस्त व्ययों का वहन ईकाईयों को ही करना होगा। निर्देशों का उल्लंघन किए जाने पर दंड प्रक्रिया सहिता की धारा 188, एपिडेमिक एक्ट एवं आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
