
मीडिया सेशन/ 2025:- भगवान झूलेलाल की जयंती, जिसे चेटीचंड के नाम से जाना जाता है, रविवार, 30 मार्च 2025 को मनाई जाएगी. यह पर्व सिंधी समुदाय के लिए विशेष महत्व रखता है, क्योंकि इस दिन को सिंधी नववर्ष के रूप में भी मनाया जाता है.
चेटीचंड का शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, प्रतिपदा तिथि 29 मार्च 2025 को शाम 4:27 बजे से प्रारंभ होकर 30 मार्च 2025 को दोपहर 12:49 बजे समाप्त होगी. चेटी चंड का शुभ मुहूर्त 30 मार्च को शाम 6:10 बजे से 7:08 बजे तक रहेगा. इस दिन सिंधी समुदाय के लोग भगवान झूलेलाल की पूजा करते हैं और जल देवता वरुण की आराधना करते हैं.
भगवान झूलेलाल जयंती (चेटीचंड) का महत्व
यह पर्व सिंधी नववर्ष की शुरुआत का प्रतीक भी है और इसे उल्लास व आस्था के साथ मनाया जाता है. भगवान झूलेलाल का जन्म 10वीं शताब्दी में सिंध (अब पाकिस्तान) में हुआ था. उस समय मीरख़ शाह नामक शासक ने हिंदुओं पर जबरन इस्लाम स्वीकार करने का दबाव बनाया. तब भगवान झूलेलाल ने धार्मिक सहिष्णुता, प्रेम और एकता का संदेश दिया और हिंदू धर्म की रक्षा की. इसलिए, उन्हें सिंधियों का रक्षक माना जाता है.
भगवान झूलेलाल को जल देवता वरुण का अवतार माना जाता है. इस दिन लोग नदियों, तालाबों और समुद्र के किनारे जाकर पूजा करते हैं और “बहाणा साहिब” की भव्य शोभायात्रा निकालते हैं. इस शोभायात्रा में भगवान झूलेलाल की झांकी सजाई जाती है और भक्त “झूलेलाल जी जयकारा” लगाते हैं.