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शशि भैया यूं तो ना जाना था….आपका अनुज रामचंद्र…

ByMedia Session

Aug 29, 2020


कहते हैं कि किसी-किसी का नाम ही काफी होता है परिचय बताने के लिए। ऐसे ही पत्रकारिता जगत में जाना पहचाना चिर-परिचित नाम था शशिकांत शर्मा। अपना अनुभव बताने में दिल में बहुत दर्द हो रहा है क्योंकि मुझे लगता है कि परिवार से बाहर मैं अंतिम इंसान हूं जिनसे आपकी बात शनिवार को हुई। मुझे नहीं पता था कि आपसे अंतिम समय में बात हो रही है वरना मैं आपके पास ही आशीर्वाद लेने आ जाता। अन्य दिनों की तरह आपने मुझे प्रात: काल फोन किया और अधिकार पूर्वक कहा कि ‘रामचंदर मुझे तबीयत थोड़ी नासाज लग रही है ऐसे में मैंने आपको तबीयत का ध्यान रखने और चेकअप कराने के लिए कहा। फिर आपके पुत्र नवरत्न से चर्चा होने पर भोजन उपरांत विश्राम किया जब शाम को प्रेस रवाना होते समय पत्रकार साथी के माध्यम से इस दुखद घटना की जानकारी मिली। सच कहुं तो मन में पश्चाताप हो रहा है कि खुद हॉस्पिटल क्यों नहीं चला गया। मन में बहुत सारी बातें घुमड़ रही है। उनसे मिलना, दुनियाभर की बातें उनसे जानना और सुनना याद आ रहा है, उनकी लेखनी में जो आग थी वह बड़े-बड़े नेताओं, उद्योगपतियों, रसूखदारों, पैसेवालों को जलाकर भस्म कर देने के लिए काफी होती थी। ऐसा कोई वर्ग, समुदाय, जाति, धर्म, व्यवसाय का व्यक्ति शायद ही बचा रहा हो जो उनसे प्रभावित ना हुआ हो। उनकी लेखनी की शब्दावली काबिले-तारीफ थी। पत्रकारिता जगत में शायद ही कोई ऐसा हो जो उनकी लेखनी का कायल ना रहा हो। बड़े-बड़े संपादक, लेखक, पत्रकार उनकी लेखनी पर विशेषकर उनके द्वारा लिखे जाने वाले अनेकानेेक अर्थ वाले शब्द का लोहा मानते थे। ऐसे में असामायिक रूप से उनका चले जाना हृदय को छलनी कर रहा है। विशेषकर जब अंतिम समय में आपसे बातचीत हुई हो। मन का कतरा-कतरा आपकी लेखनी को आपकी बातों को आपसे मिले हुए मार्गदर्शन के लिए आपको नमन कर रहा है। क्या कहूं आंखों से और हृदय से आंसू लगातार बह रहे हैं, आप जरूर परमात्मा में विलीन हो जाएंगे लेकिन आपके द्वारा कहे गए शब्द, लिखे गए वाक्य, आपकी जांबाजी, ना झुकने वाली स्वाभिमानी काया यह सब बातें हम पत्रकारों का मार्गदर्शन करतीं रहेंगी। बस क्या कहूं दिल, आत्मा, मन, सोच सब क्षत-विक्षत हो रही है। ईश्वर आपको अपने चरणों में स्थान दें, आपके जाने के बाद भी आपकी लेखनी हम सबके बीच आपको हमेशा जीवीत रखेगी। स्वर्ग से भी आपका आशीर्वाद हम पर बनाए रखियेगा। समस्त पत्रकारिता जगत की ओर से शशिकांत भैया को अश्रुपूरित श्रद्धांजलि।
आपके समक्ष एक अदना सा पत्रकार रामचंद्र

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