सुदर्शन टीवी चैनल पर एक प्रोग्राम चलाया जा रहा था जो जामेमिलिया इसलामिया के छात्रों को संघ लोक सेवा आयोग के परीक्षा में चुने जाने पर प्रश्न चिन्ह लगा रहा था और इसे एक साज़िश करार दे रहे था, इस प्रोग्राम में जामेमिलया इसलामिया के छात्रों को जेहादी मानसिकता वाला बता रहे थे, इन छात्रों के आईएस और आईपीएस बनाने को एक षडयंत्र बताया जा रहा था ।
हालांकि दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा इस प्रोग्राम पर रोक लगा दी गयी है , मेैं दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश का सम्मान करता हूँ।
पर मेरी व्यक्तिगत राय यह है की इस प्रोग्राम पर रोक नही लगना चाहिए अगर यह प्रोग्राम जारी रहता तो कम से कम हमें सुरेश चैव्हाण के विचारो से अवगत होने का मौका तो मिलता आखीर वह चाहते क्या हैं ? कैसे लोगों का चुनाव आईएस एंव आईपीएस में होना चाहिए ? उनके चुने जाने की प्रक्रिया क्या होनी चाहिए ?
जिस जामेलिया इसलामिया के छात्रों को सुरेश चौव्हाण जेहादी मानसिकता का बता रहे थे और यूपीएससी में चूने जाने पर प्रश्न चिन्ह लगा रहे हैं उस जामेमिलिया इस्लामिया के विषय में मैं यह बता दूँ के कुछ दिन पूर्व भारतीय शिक्षण संस्थानों के लिए नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (NIRF) रैंकिंग 2020 की घोषणा की गई है इस साल जामेमिलिया इसलामिया एनआईआरएफ-2020 इंडिया रैंकिंग में शीर्ष 10 विश्वविद्यालयों में शामिल हुआ है।
यहाँ यह बात भी स्पष्ट करना आवशयक है कि यूपीएससी की परीक्षा में जो परीक्षक उत्तर पुस्तिका की जांच करते हैं उन्हें यह नही पता होता है परीक्षा देने वाला छात्र जिसकी उत्तर पुस्तिका वह जांच कर रहा है वह हिन्दू है या मुसलमान है ओबीसी का है या एससीएसटी का है अथवा ब्राह्मण छात्र की उत्तर पुस्तिका है |
यदी श्री सुरेश चौव्हाण की बातों से यह मान भी लिया जाए की यूपीएससी परीक्षा में मुस्लिमो के साथ तुष्टिकरण किया जा रहा है तो इस की भी जांच होनी चाहिए पूरे भारत की आबादी के तुलना में मुस्लिम आबादी मात्र बारह प्रतिशत है जबकि सच्चर कमीशन के रिपोर्ट के मुताबिक आईएएस और आईपीएस में मुसलमानों का प्रतिनिधित्व माञ लगभग दो से तीन प्रतिशत है तो तुष्टिकरण कहाँ हुआ ?
अभी हाल ही में असम में एक टीवी चैनल सिरियल में यह दिखाया जा रहा था एक गरीब हिन्दू महिला की एक मुस्लिम व्यक्ति हर प्रकार से मदद करता है ताकी उसकी हालात में सुधार हो , इस सिरियल में कोई हिन्दू या मुस्लिम विरोधी बात नही दिखाई गई थी पर कुछ कट्टरपंथी लोगों ने इस सिरियल का विरोध करना शुरू कर दिया और उस अदाकारा जो हिन्दू महिला का रोल कर रही थी उसे भी जान से मारने की धमकी दी जाने लगी थी अंत में पुलिस आयुक्त को पत्र लिखकर इस सिरियल को बंद करने का निर्देश देना पड़ा है।
मेरे समझ में नही आता है क्या देश इन कट्टरपंथी सोच के लोगों के इशारे पर चलेगा या भारत के संविधान के अनुसार चलेगा ?