मां ये मेरी गुल्लक है!
या, मैं तेरी गुल्लक हूं!
मैं इसमें भरती चवन्नी
मुझ में तू संसार भरती है,
खुद को ख़ाली कर कर के
तू कितनी खुश है मुझको भर के,
स्नेह, डांट ,दुलार से लबालब
मेरी आंखो में,है सपने तेरे सब,
तू मुझ में सपने भरती है
मेरे लिए बचत करती है,
मां ये मेरी गूक्कल है !
या, मैं तेरी गुल्लक हूं !………
नसरीन खातून
आसनसोल
पश्चिम बंगाल