कोरबा । लाकडाउन में फीस वसूली में निजी स्कूलों की मनमानी एवं आर्थिक शोषण के खिलाफ अपना आक्रोश जाहिर करते हुए पालकों ने आज पूर्व घोषणा अनुसार संकेतात्मक शव यात्रा निकाली। सुनालिया चौक से रेलवे क्रासिंग उषा काम्प्लेक्स तक निकली शव यात्रा में व्यवस्था से नाराज पालक कोविड-19 के नियमों का पालन कर मास्क लगा कर शामिल हुए।
कोरबा पेरेंट्स एसोसिएशन के कोषा अध्यक्ष न्याज नूर अरबी ने बताया कि पिछले दिनों एसोसिएशन के आह्वान पर आयोजित अभिभावकों का एक दिवसीय ऑनलाइन क्लास बहिष्कार आंदोलन पूर्णतः सफल रहा। एक तरफ कोरोना संकट के कारण आर्थिक कठिनाइयां झेल रहे माता-पिता है जो फीस वसूली के लिए निजी स्कूलों की जोर जबरदस्ती एवं धमकियों से नाराज हैं वहीं दूसरी ओर हजारों की संख्या में वे पालक भी है जो शासन के गाइडलाइन के विपरीत मनमानी ट्यूशन फीस थोपे जाने से आक्रोशित हैं। इस पूरे मामले में जिला शिक्षा अधिकारी की कार्यप्रणाली विवादों के घेरे में है। पालकों के साथ मिलकर ट्यूशन फीस तय करने के लिए शिक्षा विभाग ने 2016 में गाइडलाइन जारी किया था लेकिन कोरबा के अधिकांश स्कूल तय मापदंडों के विपरीत अपने स्कूल की फीस का अनुमोदन शासन से नहीं कराए हैं। 10 के बदले 12 महीनों का फीस वसूल गया जिसकी वापसी के अब कई पालक स्कूलों से मांग कर रहे हैं। शहर के प्रमुख सीबीएसई स्कूलों में 80% से 90% लोगों ने ऑनलाइन कक्षाओं का बहिष्कार कर अपना आक्रोश जाहिर किया था। निजी स्कूलों के खिलाफ जारी पालकों के आंदोलन के बीच निजी स्कूल संघ कोरबा में पालको को राहत देते हुए ट्यूशन फीस में 30% छूट देने का ऐलान किया है। सीजी बोर्ड से संबंधित स्कूल संचालकों के इस निर्णय कोरबा पैरंट्स एसोसिएशन ने स्वागत किया है। सीबीएसई स्कूलों से भी मांग है कि वे अपनी हठधर्मिता एवं शोषण पर विराम लगाकर पालकों को राहत पहुंचाने के लिए कदम उठाएं। एसोसिएसन के कोषाध्यक्ष व नागरिक संघर्ष, समिति कोरबा के अध्यक्ष मो. न्याज नूर आरबी ने आयोजन को सफल बताया।