कोरबा । इन दिनों लोग कोरोना के कहर से परेशान हैं। वहीं दैनिक जीवनयापन के चीजों की बेतहाशा बढ़ती कीमतों को लेकर भी आम आदमी परेशान नजर आते हैं। शहर की सब्जी मंडी में सब्जियों के दाम इस कदर बढ़ गए हैं कि गरीब लेकर से लेकर धनाड्य व्यक्ति तक सब्जी के दामों में लगी आग से बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं। गरीब लोगों के भोजन की थाली से अब सब्जियां दूर होती नजर आ रही हैं। वर्तमान में सब्जी मंडी में टमाटर 60-70 रुपए, बरबटी 80 रुपए, भिंडी 80, परवल 80 रुपए, करेला 80 रुपए, फूलगोभी 80 रुपए तक प्रति किलो बिक रहा है।
यही वजह है कि हरी सब्जियों के दाम में हुए भारी इजाफे को देखते हुए अब गरीबों के भोजन का सहारा बनने वाले आलू-प्याज भी ऊंचे दामों के कारण भोजन की थाली से काफी दूर होते नजर आ रहे हैं। आलू 35-40 रुपए एवं प्याज 30-40 रुपए किलो बिक रहे हैं। प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो ग्रामीण किसान अपनी बाड़ी और खेतों से ताजा सब्जी बेचने जब स्थानीय मंडी में आते हैं, तो बिचौलिए इन्हें डरा धमकाकर औने पौने दाम पकड़ाते हुए इन्हें वापस गांव भेज देते हैं। वहीं बाद में 20 रुपए की दर से खरीदी गई यही सब्जी 60-70 रुपए किलो तक बेची जाती है. ऐसे में महामारी के साथ महंगाई ने भी गरीब और अमीर की थाली में सब्जियों के बजट को बड़ा झटका दिया है। वर्तमान मे कोरबा शहर सहित जिले के आसपास के गांव में सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं। बताया जा रहा है कि बरसात के चलते स्थानीय सब्जियों की आवक करीब-करीब बंद हो जाने के कारण साग-सब्जियों के दाम में भारी उछाल है। जिसके कारण पहले से ही कोरोना संक्रमण से जूझ रहे लोगों को दैनिक जरूरत की सब्जियों के लिए भी परेशानी झेलनी पड़ रही है और तेजी से उनकी जेब ढीली हो रही है। मजदूर और कामगार लोगों के थाली से तो सब्जियां गायब ही होने लगी है।